फासीवादी हमले विरोधी फ्रंट का 29 दिसंबर को चंडीगढ़ में अधिवेशन करने का हुआ फैसला
लुधियाना // चंडीगढ़ : 7 दिसंबर 2022: Anti Fascists Attack Front's Convention on Dec 29
लुधियाना में एंटी फाशी अटैक फ्रंट (Anti Fascists Attack Front) की बैठक की अध्यक्षता शहीद करनैल सिंह इसरू भवन (Shaheed Karnail Singh Isru Bhawan), लुधियाना में इंक़लाबी केंद्र के महासचिव कंवलजीत खन्ना (Kanwaljeet Khanna) ने की। इस मीटिंग में उनके साथ ही, सी पी आई (आई) (CPI (I)) के राज्य सचिव (State Secretary) बंत सिंह बराड़ (Bant Singh Brar) और कॉमरेड महिंदर सिंह (Comrade Mahinder Singh), आरएमपीआई (RMPI) के राष्ट्रीय नेता मंगत राम पासला (Mangat Ram Pasla) और कुलवंत सिंह संधू (Kulwant Singh Sandhu), सी पी आई एम एल (न्यू डेमोक्रेसी) (CPI(ML)(New Democracy) के नेता कामरेड अजमेर सिंह (Comrade Ajmer Singh), सी पी आई (एम एल) लिबरेशन (CPI (ML) Liberation) के राज्य सचिव (State Secretary) गुरमीत सिंह बख्तपुर (Gurmeet Singh Bakhatpur), एमसीपीआई (MCPI) के नेता एडवोकेट किरणजीत सिंह सेखों (Advocate Kiranjit Singh Sekhon) उपस्थित थे।
बैठक में गहन विचार-विमर्श के बाद केंद्र की भाजपा सरकार (BJP Govt.) द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों (Democratic Rights) के किये जा रहे हनन, अल्पसंख्यकों (Minorities) के खिलाफ खड़े किये जा रहे जिहाद, साम्प्रदायिक फासीवाद (Fascism) और विशेषकर राज्यों के अधिकारों पर किये जा रहे हमले, विशेषकर संघीय ढांचे का नक़ाब पहन कर तानाशाह (Dictatorship) राज्य प्रबंध के हो रहे निर्माण के खिलाफ लोगों को एकजुट करने का निर्णय लिया गया। भाजपा सरकार द्वारा केंद्र सरकार के दांत खट्टे करने के लिए बनाये जा रहे यूनिफाइड सिविल कोड, राज्यों की राजधानियों में खोले जा रहे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के दफ्तर, हर विरोध को कुचलने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग, एक पुलिस-एक वर्दी बनाने का राग अलापने, झूठे और मनगढ़ंत मामलों तथा केसों में लंबे समय से जेल में बंद बुद्धिजीवियों को रिहा न करने, अपनी सजा काट चुके सभी कैदियों को रिहा न करने आदि की मांगों के साथ राज्यों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए डैम सेफ़्टी एक्ट को रद्द करने, राज्य सरकारों को हेडवर्क्स का प्रबंधन देने, पंजाब में पानी की कमी होने के कारण पानी की रक्षा करने, पंजाबी भाषी क्षेत्रों सहित चंडीगढ़ पंजाब को देने, पचास किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को दिए सभी प्रकार के अधिकार को रद्द करने, पूरे पंजाब में पीने वाले पानी को प्रदूषित होने से बचाना, नहरों के तल को पक्का नहीं करने, जीएसटी संग्रह करने का अधिकार राज्यों के पास होने और इस में से हिस्सा केंद्र को भेजा जाना चाहिए, ग्रामीण विकास फंड की रखी हुई धनराशि जारी की जानी चाहिए, पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) को हड़पने की साजिशें बंद होना चाहिए। इन मुद्दों और मांगों पर 29 दिसंबर गुरूवार को चंडीगढ़ में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया।